दिल्ली में आशा किरण केंद्र में 14 लोगों मौत के मामले में दिल्ली हाइकोर्ट ने सामाजिक कल्याण सचिव को 12 अगस्त तक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने पैसों की मंजूरी के लिए उपराज्यपाल से संपर्क करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने सामाजिक कल्याण सचिव को केंद्र पर मैन पवार की कमी को पूरा करने के लिए संविदा कर्मचारी नियुक्त करने का सुझाव भी दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि मोबाइल टॉयलेट भी इंस्टाल करिए और अभी तक क्यों नहीं इंस्टाल किया गया है? वहां पर एंबुलेंस भेजिए जो 24 घंटे किसी भी आपात हालात में इलाजे मुहैया करा सके।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आशा किरण केंद्र में मेडिकल और नॉन मेडिकल स्टाफ की कमी है। हाईकोर्ट ने समाज कल्याण सचिव से कहा कि आप खुद को असहाय मत समझिए क्योंकि अगर आप असहाय होंगे तो उनकी मदद कौन करेगा? हाई कोर्ट ने सेक्रेटरी से कहा अगर आपको पैसों की ज़रूरत है आप सीधा चीफ सेक्रेटरी से बात करिए और मंत्री से मिलिए। हाई कोर्ट ने कहा कि वहां स्थिति में बदलाव करना होगा। जब आला अधिकारी वहां का निरीक्षण करेंगे तो उन्हें वहां की मौजूदा स्थिति का पता चलेगा, वहां हालात बेहतर होने चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह आपातकाल जैसी स्तिथि है। लोग अपनी जान गवा रहे है। एक महीन में 14 लोगों की जान चली गई। क्या लोगों की जांच की कोई कीमत नहीं है? UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों की जान चली गई। नाले में गिरने की वजह से एक मां और बेटे की मौत हो गई। वहीं समाज कल्याण सचिव ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से इस स्थिति की निगरानी करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।