पहलगाम हमले के बाद भारत में रह रहे 6 कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान डिपोर्ट किए जा रहे 6 लोगों के एक परिवार के दस्तावेजों की जांच करें और जांच पूरी होने तक उनको पाकिस्तान वापस नहीं भेजा जाएगा। दरअसल, इन लोगों का दावा था कि उनके पास भारतीय नागरिकता को साबित करने के लिए आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज हैं, लेकिन अब उन्हें पाकिस्तानी नागरिक बताकर वापस भेजा जा रहा है।
आपको बता दें कि परिवार के सदस्य कश्मीर के निवासी हैं और उनका बेटा बेंगलुरु में काम करता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्हें पाकिस्तान भेजे जाने का खतरा है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि इस केस में याचिकाकर्ताओं के दावे की पुष्टि के लिए दस्तावेजों की जांच ज़रूरी है। इसलिए हम अपनी ओर ओर कोई राय व्यक्त न करते हुए सरकार को निर्देश दे रहे है कि वो दस्तावेजों की जांच करें और जल्द फैसला ले, जब तक संबंधित ऑथोरिटी दस्तावेजों को लेकर कोई फैसला नहीं लेती, तब तक याचिकाकर्ताओं को वापस पाकिस्तान भेजने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई सरकार नहीं करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह मामला मानवीय पहलू से जुड़ा है और परिवार को यह स्वतंत्रता दी कि यदि वे दस्तावेज सत्यापन आदेश से असंतुष्ट हैं तो वे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस केस के तथ्यों के आधार पर हम यह आदेश दे रहे है, इसको मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाए यानि इसका उदाहरण देकर बाकी लोग भी ऐसी रियायत की मांग नहीं कर सकते हैं।