जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला से निर्दलीय सांसद राशिद इंजीनियर की अंतरिम जमानत याचिका को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पेशल NIA कोर्ट को MP/MLA कोर्ट का दर्जा देने के मामले में अपने रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर MP/MLA कोर्ट को NIA कोर्ट की शक्ति देने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। सुनवाई के दौरान NIA की ओर से हाईकोर्ट को बताया कि वह पिछले साल सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास अर्ज़ी दाखिल कर स्पेशल NIA कोर्ट को स्पेशल MP/MLA कोर्ट का भी दर्जा देने की मांग की जा चुकी है।
वही दूसरी तरफ NIA ने राशिद इंजीनियर की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इससे पहले चुनाव प्रचार और शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत मिली थी और उनके पिता की खराब सेहत के आधार पर भी अंतरिम जमानत मिल चुकी है, अगर कोर्ट चाहे तो अब राशिद की नियमित ज़मानत पर सुनवाई कर सकता है, जबकि राशिद के वकील ने कहा कि हम अभी सिर्फ अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं। वहीं NIA ने नवंबर में रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था लेकिन रजिस्ट्रार जनरल ने अभी तक उसपर कोई कदम नहीं उठाया, क्या हमारे पास कोई रेमेडी नहीं रहेगी? अंतरिम जमानत के मामले में उन्होंने पप्पू यादव का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें भी संसद सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत मिली थी, उनकी तरफ से कहा गया कि मेरे संसदीय क्षेत्र का संसद में कोई नेतृत्व नहीं हो रहा है, सितंबर से यह मामला लंबित है, क्या जब तक यह हल नहीं होगा तब तक मेरी कोई सुनवाई नहीं होगी?
राशिद के वकील ने कहा कि सितंबर में जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिली थी फिर शपथ लेने के लिए मिली कस्टडी परोल मिली। इस दौरान मुकदमे से जुड़े सभी गवाह थे उस समय हमने किसी गवाह को प्रभावित नहीं किया या ज़मानत की शर्तों को का उल्लंघन नहीं किया, जबकि मेरे पिता की मेडिकल के आधार पर तीन बार अंतरिम जमानत बढ़ाई गई। फ़िलहाल दिल्ली हाई कोर्ट 6 फरवरी को मामले की सुनवाई होगी।