मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है। हालांकि सत्येंद्र जैन की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि अगर हमारे पास दस्तावेज़ नहीं होंगे तो हम चार्ज फ्रेम करने पर बहस कैसे बहस करेंगे?।
दरअसल, सत्येंद्र जैन ने मनी लांड्रिंग मामले में उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम करने पर चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट मे याचिका दाखिल की है। सत्येंद्र जैन ने अपनी याचिका मे कहा है कि मामले में ED की जांच अभी जारी है और ED हमें अभी कई दस्तावेज़ देने से मना कर रही है, ऐसे में ट्रायल पर रोक लगाई जाए। आपको बता दें कि इसी मामले में राउज एवन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को जमानत दी थी।
आपको बता दें कि सत्येंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। 2018 में इसी केस में ED ने सत्येंद्र जैन से पूछताछ शुरू की थी। ED ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर मामला दर्ज किया था। आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई या खरीदी थीं। सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक कई लोगों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदीं। ED के मुताबिक उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये का काला धन भी ट्रांसफर किया।सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों पर आरोप है कि इन लोगों ने कैश कोलकाता के शेल कंपनी के कर्ताधर्ता जीवेश मिश्रा के पास भेजी। इसके बदले में जीवेश मिश्रा ने अपनी 25 शेल कंपनियों के जरिए सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों में पैसा भेजा। इस बात का खुलासा खुद शेल कंपनियों के मालिक जीवेश मिश्रा ने जांच एजेंसियों के सामने किया है।