सुप्रीम कोर्ट ने तय समयसीमा में फीस जमा करने में नाकाम रहने के कारण IIT सीट गंवाने वाले एक गरीब दलित छात्र अतुल कुमार को मदद का भरोसा दिया है। CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान उनके वकील ने परिवार की खराब आर्थिक सेहत का हवाला दिया। वकील ने दलील दी कि IIT धनबाद में सीट आवंटित होने के बाद फीस जमा करने के लिए उन्हें चार दिन मिले। इतने वक़्त में 17500 रुपए की फीस इंतजाम कर पाना उनके गरीब परिवार के लिए बहुत मुश्किल था।
याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अतुल कुमार का ये दूसरा और अंतिम प्रयास है। अगर सुप्रीम कोर्ट से उनको कोई राहत नहीं मिलती है तो वह परीक्षा में दोबारा शामिल नहीं हो पाएंगे।इसपर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने अतुल कुमार के वकील से कहा कि हम आपकी यथासंभव मदद करेंगे, लेकिन आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे। फीस जमा करने की निर्धारित समय सीमा 24 जून को समाप्त हो गई है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने IIT मद्रास के साथ, जॉइंट सीट एलोकेशन ऑथोरिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर नगर के टोटोरा गांव के रहने वाले 18 साल अतुल कुमार के पिता दिहाड़ी मज़दूर है। अतुल ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2024 पास की थी, उन्हें IIT धनबाद सीट आवंटित हुई थी, अतुल कुमार को 24 जून को शाम 5 बजे तक वेबसाइट पर फीस पेमेंट और डॉक्यूमेंट अपलोड़ करना था, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजार रहा उनका परिवार फीस की 17500 रुपए की रकम का इतंजाम शाम 4.45 तक तक ही कर पाया था। अतुल कुमार ने उसी वक्त साइट को लॉग इन भी किया लेकिन जब तक पेमेंट की पूरी प्रकिया को ऑनलाइन पूरा कर पाते, तब तक 5 बजे की समयसीमा पूरी हो चुकी थी और पोर्टल बंद हो गया था। अब अतुल कुमार ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।