समय से फीस न दे पाने के चलते IIT एडमिशन से वंचित रह गए यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले छात्र अतुल कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्ति संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए IIT में दाखिले का आदेश दिया है। CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि फीस जमा करने की समय सीमा समाप्त होने पर छात्र को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता है। पिछली सुनवाई के दौरान छात्र के वकील ने परिवार की खराब आर्थिक सेहत का हवाला दिया था।
पिछली सुनवाई में ही छात्र के वकील ने दलील दी थी कि IIT धनबाद में सीट आवंटित होने के बाद फीस जमा करने के लिए उन्हें चार दिन मिले। इतने वक़्त में 17500 रुपए की फीस इंतजाम कर पाना उनके गरीब परिवार के लिए बहुत मुश्किल था। याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अतुल कुमार का ये दूसरा और अंतिम प्रयास है। अगर सुप्रीम कोर्ट से उनको कोई राहत नहीं मिलती है, तो वह परीक्षा में दोबारा शामिल नहीं हो पाएंगे। इसपर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने अतुल कुमार के वकील से कहा था कि हम आपकी यथासंभव मदद करेंगे, लेकिन आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे। फीस जमा करने की निर्धारित समय सीमा 24 जून को समाप्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने IIT मद्रास के साथ, जॉइंट सीट एलोकेशन ऑथोरिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर नगर के टोटोरा गांव के रहने वाले 18 साल अतुल कुमार के पिता दिहाड़ी मज़दूर है। अतुल ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2024 पास की थी, उन्हें IIT धनबाद सीट आवंटित हुई थी, अतुल कुमार को 24 जून को शाम 5 बजे तक वेबसाइट पर फीस पेमेंट और डॉक्यूमेंट अपलोड़ करना था, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजार रहा उनका परिवार फीस की 17500 रुपए की रकम का इतंजाम शाम 4.45 तक तक ही कर पाया था। अतुल कुमार ने उसी वक्त साइट को लॉग इन भी किया लेकिन जब तक पेमेंट की पूरी प्रकिया को ऑनलाइन पूरा कर पाते, तब तक 5 बजे की समयसीमा पूरी हो चुकी थी और पोर्टल बंद हो गया था। जिसके बाद अतुल कुमार ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।