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Legal Beat > News > Supreme Court > NEET-UG परीक्षा मामला: जानिए, सुप्रीम कोर्ट में करीब 4 घंटे की लंबी सुनवाई में क्या-क्या रही खास बातें…
Supreme Court

NEET-UG परीक्षा मामला: जानिए, सुप्रीम कोर्ट में करीब 4 घंटे की लंबी सुनवाई में क्या-क्या रही खास बातें…

Sapna
Last updated: July 18, 2024 7:47 pm
Sapna
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NEET-UG परीक्षा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 22 जुलाई को भी सुनवाई जारी रहेगी। गुरुवार को करीब 4 घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने NTA को निर्देश दिया कि वो वेबसाइट पर NEET का केन्द्रवार रिज़ल्ट अपनी वेबसाइट पर शनिवार दोपहर 12 बजे तक प्रकाशित करें। रिजल्ट में छात्रों की पहचान गुप्त रखी जाए। CJI ने अपने आदेश में बिहार पुलिस और EOU की जांच रिपोर्ट भी सोमवार को तलब किया। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 24 जुलाई से काउन्सलिंग शुरू करेंगे। हम ये जानकारी अदालत के संज्ञान में लाना चाहते है। गुरुवार को सुनवाई शुरू होते ही केंद्र और NTA की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि CBI ने इस मामले में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है।

Contents
फिलहाल याचिकाकर्ताओं को नहीं मिलेगी CBI की स्टेट्स रिपोर्टहमें संतुष्ट करिए की पेपर लीक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर हुआ: CJIIIT मद्रास का एक निदेशक NTA के गवर्निंग बॉडी में है: याचिकाकर्तागोधरा में नहीं हुआ कोई पेपर लीक: NTA45-60 मिनट में पेपर सॉल्व कैसे हुए?: CJIपैसे के लिए पेपर लीक करने वाला अन्य लोगों को पेपर क्यों देगा?: CJI300 करोड़ रुपए परीक्षा कराने में खर्च हुआ: SGकरीब सुबह 8 बजे से 9.20 बजे के बीच पेपर ब्रीच की घटना हुई: SGपेपर ब्रीच होने और परीक्षा शुरू होने के बीच कितना वक्त था?: CJIनए रजिस्ट्रेशन में से करीब 12 हजार छात्र परीक्षा में असफल रहे: NTA700 से 720 अंक पाने वाले छात्रों में पिछले साल भी बढ़ोतरी: SG

फिलहाल याचिकाकर्ताओं को नहीं मिलेगी CBI की स्टेट्स रिपोर्ट

CJI ने कहा कि हां, हमनें दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट भी पढ़ी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील हुड्डा ने कहा कि स्टेट्स रिपोर्ट हमें नहीं दी गई। CJI ने कहा कि इस मामले में जांच जारी हैं और CBI ने जो हमें बताया है अगर वो सार्वजनिक होता है तो इसमें शामिल लोग जांच को लेकर सावधान हो जायेंगे। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 56 हजार सीटें है। CJI ने पूछा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग एक लाख आठ हजार के केटेगरी में आ गए है?। CJI ने पूछा कि एक लाख आठ हजार मे कितने छात्र है जो दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे है। कोर्ट ने पूछा कि जो 108 अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट आए है उनमें से कितने 1 लाख 8 हजार में से है?। CJI ने कहा कि अगर 1 लाख 8 हजार लोगों को एडमिशन मिलता है बाकी 22 लाख लोगो को दाखिला नहीं मिलता तो इसका मतलब ये तो नही की पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया जाए?।

हमें संतुष्ट करिए की पेपर लीक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर हुआ: CJI

CJI ने याचिकाकर्ताओ से कहा कि पहले फैक्ट्स पर बात करें। 1 लाख 8 हजार में से कितने याचिकाकर्ता है?। CJI ने पूछा इस मामले में सबसे कम अंक पाने वाले छात्र जो सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता है उनका अंक कितना है?। CJI ने याचिकाकर्ता को कहा कि आप हमें इस बात के लिए संतुष्ट करिए की पेपर लीक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर हुआ, परीक्षा रद्द होनी चाहिए। दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं, उसके बाद हम SG को सुनेंगे, CJI ने पूछा सरकारी कॉलेजों में कितनी सीट है?। SG ने कहा कि 131 छात्र दोबारा परीक्षा चाहते है जबकि 254 छात्र दोबारा परीक्षा के खिलाफ है। 131 छात्र ऐसे हैं जो 1 लाख 8 हजार के अंदर नहीं आते हैं, जो दोबारा परीक्षा चाहते हैं और 254 छात्र ऐसे हैं जो 1 लाख 8 हजार के अंदर आते हैं और जो दोबारा परीक्षा का विरोध कर रहे हैं।

IIT मद्रास का एक निदेशक NTA के गवर्निंग बॉडी में है: याचिकाकर्ता

वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि IIT मद्रास का एक निदेशक NTA के गवर्निंग बॉडी मे है। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि अगर 23 लाख लोगों के लिए डेटा एनालिटिक्स करना है तो किस स्टेज पर किया जाएगा? अगर 10 हजार या 20 हजार छात्रों को इसमें घुसा दिए गए हैं तो आप कोई गड़बड़ी नहीं पकड़ सकते। सही प्रक्रिया तो यही थी कि इस प्रक्रिया को 1 लाख 8 हजार लोगों पर लागू किया जाता। IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने कहा की IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भरोसा नही कर सकते। CJI ने पूछा कि क्या IIT मद्रास में काम करने वाला कोई NTA का पार्ट है। SG ने कहा कि वर्तमान में काम करने वाला कोई नही है। CJI ने पूछा कि NTA की भूमिका IIT-JEE में क्या भूमिका है। SG ने बताया कि कोई भूमिका नहीं है। IIT JEE का पूर्व डायरेक्टर NTA का सदस्य है। CJI ने जब आप कहते हैं कि IIT का पूर्व डायरेक्टर NTA की गवर्निंग बॉडी के पदेन सदस्य हैं। SG ने कहा परीक्षा के संचालन में गवर्निंग बॉडी की कोई भूमिका नहीं होती।

गोधरा में नहीं हुआ कोई पेपर लीक: NTA

गुरुवार को सुनवाई के अंत में CJI ने कहा कि गोधरा मामले में कुछ नहीं हुआ?। SG ने कहा कि गोधरा एक लोकल मामला था, कुछ होता उससे पहले गिरफ्तारी हो गई। CJI ने कहा कि गोधरा में दो केंद्र में 2513 परीक्षार्थी थे वहां से मेरिट में कितने छात्र आए ? NTA ने कहा कि लगभग 18 छात्र है उनका स्कोर भी औसत से कम है। CJI ने पूछा कि गोधरा में कितने छात्रों ने अपना सेंटर बदला है? NTA ने बताया कि 14 को सेंटर बदलने की अनुमति दी गई। उन 14 में से किसी को भी प्रवेश नहीं मिल रहा है। CJI ने याचिकाकर्ता से पूछा केवल हजारीबाग पटना मामले सामने आया है।क्या केवल इस आधार पर परीक्षा को रद्द किया जा सकता है? CJI ने पूछा कि पटना और हजारीबाग में क्या लिंक है? SG ने कहा हजारीबाग में घटना हुई और व्यवस्थाओं लिंक पटना से जुड़ा था। इसके आरोपियों ने नया मोबाइल फोन और सिम खरीदा ताकि सर्कुलेट न हो, उन्होंने प्रश्नपत्र जला दिए।उसका एक हिस्सा बरामद हुआ।

45-60 मिनट में पेपर सॉल्व कैसे हुए?: CJI

CJI ने कहा कि यानी ब्रिच हजारीबाग में हुई, फिर पटना तक पहुंचा लेकिन सवाल ये है की एक घंटे में पेपर सॉल्व कैसे हुए? मतलब य़ह कि शुरुआत में ब्रीच हजारीबाग में हुआ। हजारीबाग में पेपर सॉल्व हुआ और पटना भेजा गया, सब कुछ 45 मिनट में कैस हुआ?। CJI ने पूछा कि पटना केस की की डायरी है?। य़ह भी पूछा कि हजारीबाग सेंटर पर कुछ कितने परीक्षा देने वाले छात्र थे?। CJI ने पूछा कि हजारीबाग में कितने केंद्र हैं?। SG ने कहा कि पांच सेंटर थे लीक एक सेंटर ओएसिस स्कूल में हुआ। CJI ने पूछा कि यहां कुल कितने छात्र हैं? NTA ने बताया कि 2736 छात्र थे। CJI ने कहा कि उनमें से कितने प्रवेश योग्यता में शामिल हो पाए? CJI ने कहा कि बेशक, हजारीबाग और पटना में ब्रीच हुआ है। हम जानना चाहते हैं कि कितने छात्र क्वालीफाई किया हैं? CJI ने कहा कि पटना में परीक्षा के पहले पेपर ब्रीच हुआ था इसमें अब कोई शंका नहीं है।

पैसे के लिए पेपर लीक करने वाला अन्य लोगों को पेपर क्यों देगा?: CJI

CJI ने याचिकाकर्ता से सवाल करते हुए कहा कि पैसे के लिए पेपर लीक करने वाला अन्य लोगों को पेपर क्यों देगा?। CJI ने कहा NEET परीक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर तमाशा बनाने का कोई विचार नहीं रहा होगा क्योंकि ऐसा लोग पैसे के लिए ऐसा कर रहे थे, इसलिए जो कोई भी इससे पैसे कमा रहा होगा वह इसे बड़े पैमाने पर प्रसारित नहीं करेगा। दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से हुड्डा ने कहा था कि परीक्षा से एक दिन पहले टेलीग्राम चैनल पर प्रश्नपत्र प्रसारित किया गया था जो एक व्यवस्थित विफलता है और परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया। CJI ने पूछा कि इसे टेलीग्राम चैनल पर कब डाला गया?। NTA ने कहा कि यह टेंपर किया वीडियो था जबकि वास्तविक समय 5 मई को शाम पांच बजकर चालीस मिनट का है।

300 करोड़ रुपए परीक्षा कराने में खर्च हुआ: SG

SG ने कहा कि यदि कोई बदलाव किया गया है तो टेलीग्राम पर भी आप उस बदलाव को देख सकते हैं और इसी तरह हमने भी इसे पाया। CJI ने पूछा कि NEET परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कितना शुल्क है?। NTA ने बताया कि 1700 रुपए जरनल कैटेगरी के लिए और OBC के लिए 1600 रुपए का फार्म था। टोटल 400 करोड़ रूपए फॉर्म के जरिए मिले और 300 करोड़ रुपए परीक्षा कराने मे खर्च हुआ। CJI ने SG से पूछा कि आपने NEET के पेपर भेजने के लिए एक निजी कूरियर कंपनी को नियुक्त किया है?। CJI ने SG के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उनके हिसाब से छात्रों को पेपर रटाया गया था। जिसके मतलब य़ह है की पेपर परीक्षा के दिन पांच मई की सुबह नही बल्कि चार मई की रात में हुआ क्योंकि पेपर सॉल्व कर लिया गया था ताकि पेपर रटाया जा सके। दूसरा य़ह भी हो सकता है की पेपर जब बैंक से निकला हो तब हुआ हो लेकिन दो घंटे में पेपर सॉल्व करना और रटाना संभव नहीं होगा। SG ने कहा की कोई पेपर लीक नहीं हुआ,अभी तक कि जांच के मुताबिक रास्ते मे कही भी टेंपरिंग नही हुई।

करीब सुबह 8 बजे से 9.20 बजे के बीच पेपर ब्रीच की घटना हुई: SG

SG ने कहा कि घटना सुबह आठ बजे से और 9.20 बजे के बीच घटना हुई। इसमें व्यक्ति अंदर गया और पेपर के फोटो लिया। CJI ने कहा कि क्या य़ह संभव है की इतने क्रम समय मे 180 सवालों के जवाब सॉल्व हो जाए क्या 45 मिनट में क्या सभी सवाल सॉल्व कर लिए गए। SG ने कहा यह सीबीआई की जांच का विषय है लेकिन फिर भी कोर्ट की जानकारी के लिए बताना जरूरी है की जांच के मुताबिक सात सॉल्वर थे। SG ने कहा कि परीक्षा के दौरान अनुचित लाभ पाने वाले छात्रों की कुल संख्या 150 से अधिक नहीं होगी। SG ने बताया कि हजारीबाग में मौजूद एक गिरोह के सदस्य ने पेपर की फोटो व्हाट्सएप पर भेजा था। उन्होंने छात्रों को फोटो खींचने नहीं दिया था। उन लोगों को पता था कि अगर पेपर लीक बडे पैमाने पर हो गया तो परीक्षा रद्द हो जाएगी इसलिए वो लोग छात्रों से अपने मोबाइल फोन दूर रखने को कहते थे।इसके लिए अभिभावकों ने एडवांस के अलावा पोस्ट-डेटेड चेक भी दिए थे।

पेपर ब्रीच होने और परीक्षा शुरू होने के बीच कितना वक्त था?: CJI

CJI ने कहा कि हमे परेशान कर रहा है कि पेपर ब्रीच होने और परीक्षा शुरू होने के बीच कितना वक्त था?। CJI ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या इस तरफ का कोई पैटन पटना, हजारीबाग के अलावा कही हुआ है, याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि गोधरा में भी ऐसा हुआ है। CJI ने NTA के वकील SG तुषार मेहता से राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश के बारे में पूछा कि जिसका हवाला देते हुए NTA ने नए आवेदनों के लिए नई विंडो खोलने का आदेश दिया था।SG ने कहा कि हमें लगभग 15 हजार नए आवेदन प्राप्त हुए थे। इन नए 15,094 छात्रों में से, एक लाख आठ हजार मेरिट वाले छत्रो की संख्या में प्रवेश पाने वाले केवल 44 थे। CJI ने NTA से पूछा कि दो दिन के लिए फिर से फॉर्म भरने के लिए खोले गए नए विंडो के लिए समय क्यों दिया गया। SG ने कहा कि तीन हजार फिजिकल और 900 मेल के जरिए अर्जी मिली, जिसमें लोगों ने कहा था की तकनीकी वजह से वो फॉर्म नही भर पाए इसलिए य़ह विंडो खोला गया। इन दो दिनों मे 15 हजार 85 लोगो ने फार्म भरा। इसमें केवल 44 लोग ही एक लाख 8 हजार लोगों में आ पाएं है।

नए रजिस्ट्रेशन में से करीब 12 हजार छात्र परीक्षा में असफल रहे: NTA

NTA ने बताया कि इन नए रजिस्ट्रेशन में से लगभग 12 हजार छात्र परीक्षा में असफल रहे। इन नए रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष की मदद करना नहीं था बल्कि यह छात्रों के हित में उठाया गया कदम था। CJI ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपको बताना है कि पेपर लीक हुआ या नहीं, आप हमें कुछ ठोस आधार दे। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया 550 से 720 अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में 77 हजार की वृद्धि हुई है। CJI ने पूछा कि 2022 में कितने छात्र परीक्षा में शामिल हुए?। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 17 लाख 54 से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा में शामिल हुए। 2023 में 20 लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल हुए जबकि 2024 में 23 लाख 33 हजार छात्र शामिल हुए। CJI ने कहा कि देखने से लगता है कि 2022-24 के बीच उम्मीदवारों की संख्या में करीब 33% की वृद्धि हुई। याचिकाकर्ताओं ने य़ह दावा किया की NTA का य़ह बयान गलत जिसमें उन्होंने पिछले साल की तुलना मे पाठ्यक्रम कम था।

700 से 720 अंक पाने वाले छात्रों में पिछले साल भी बढ़ोतरी: SG

SG ने कहा कि 700 से 720 अंक पाने वाले छात्रों में पिछले साल भी बढ़ोतरी हुई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि 550 से 720 अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या पांच गुना है। CJI ने कहा कि क्या यह लीक का संकेत हो सकता है?। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि यह खतरे की घंटी है। याचिकाकर्ता का दावा प्राइवेट कोरियर कंपनी के जरिए पेपर शहरों में भेजे गए। 571 शहरों के SBI और केनरा बैंक में भेजा गया। कोरियर के भेजने और बैंक तक पहुंचने में नौ दिनों का समय लगा। SG ने कहा कि प्रश्न पत्र को प्रिंटिंग प्रेस से सेंटर तक पहुंचाने में सात स्तर की सिक्योरिटी थी। जिसको जीपीएस के जरिए भी ट्रैक किया गया था। इस परीक्षा मे दो प्रश्न पत्र थे इसलिए दो प्रिंटिंग प्रेस के द्वारा छपाई कराई गई। SG ने बताया कि CBI ने प्रिंटर से लेकर सेंटर तक की पूरी चेन की जांच की है, जिसमें सीलिंग कैसे हुई? GPS ट्रैकिंग कैसे हुई?। डिजिटल लॉकर कैसे हैं? इसकी जानकारी दे दी गई है।

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