अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान के ऑपरेशन सिंदूर को लिखे पोस्ट की जांच कर रही SIT से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो अपनी जांच सिर्फ दो FIR तक सीमित रखें और जांच का दायरा न बढ़ाए। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि इस जांच के लिए डिवाइस को जब्त करने की ज़रूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जांच की रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में रखें जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी जाए।
दरअसल, अली खान की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि SIT कोर्ट के आदेश का ग़लत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने इस आदेश की आड़ में बेवजह दूसरी चीज़ों की भी जांच करनी शुरु कर दी है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच को सीमित रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम हर चीज़ पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की अंतरिम जमानत जुलाई तक बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस की SIT को तब तक अपनी जांच पूरी करने को कहा है।सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह बताने को कहा है कि अली खान के खिलाफ दो FIR दर्ज करने के तरीके पर NHRC के नोटिस का उन्होंने क्या जवाब दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अली खान की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के बार-बार अनुरोध को ठुकराया दिया है। सिब्बल ने अंतरिम जमानत की शर्त को हटाने का अनुरोध किया गया था, जिसके तहत उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए दर्ज FIR के मुद्दों से संबंधित कुछ भी लिखने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से रोक दिया गया था।