ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादित फेसबुक पोस्ट के बाद गिरफ्तार किए गए अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत दे दी है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश इतने मुश्किल वक़्त से जूझ रहा हो, देश के नागरिकों पर हमले हो रहे हो, तब इस तरह के बयान की क्या ज़रूरत थी। कोर्ट ने पूछा कि क्या मकसद लोकप्रियता पाना था?।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने अली खान के शब्द के चयन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन वो पढ़े लिखे शिक्षित आदमी है, वो ऐसे बेहतर शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे, जो सम्मानजनक हो और जिनके जरिए किसी का अपमान भी न हो। कोर्ट ने अली खान के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए SIT गठन का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में हरियाणा के डीजीपी को SIT गठन करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट का अली खान को भी जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अपनी विवादित पोस्ट को लेकर अभी आगे ऑनलाइन पोस्ट नहीं लिखेंगे और ना ही कोई बयान देंगे। कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान अगर अली खान के खिलाफ कोई नए तथ्य मिलते है, तो जांच एजेंसी ज़मानत रद्द कराने के लिए फिर से कोर्ट आ सकती है।