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Legal Beat > News > Supreme Court > कोलकता रेप और हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त; जानिए, सुनवाई से लेकर आदेश तक की मुख्य बातें…
Supreme Court

कोलकता रेप और हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त; जानिए, सुनवाई से लेकर आदेश तक की मुख्य बातें…

Sapna
Last updated: August 22, 2024 6:33 pm
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कोलकता रेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को काम पर लौटने के इच्छुक डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों और DGP के साथ एक हफ्ते बैठक करने का निर्देश दिया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ एक हफ्ते में बैठक करे और सुरक्षा दो हफ्ते मे सुनिश्चित किया जाएगा। CJI ने कहा कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश यह सुनिश्चित करें कि राज्य मे स्थित चिकित्सा संस्थाओं में हिंसा की किसी भी आशंका को रोकें। CJI ने कहा कि 13 दिन हो गए है, AIIMS के डॉक्टर हड़ताड़ पर है, सोचिए जरा इस बारे में।

Contents
पॉलीग्राफ टेस्ट पर कल शाम 5 बजे आदेश दे सियालदह कोर्ट: SCइस मामले में राजनीतिक बयानों की चर्चा न करें: CJIडॉक्टरों और इंटर्न की चिंताओं का समाधान किया जाएगा: CJIमैं खुद एक सरकारी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं: CJIक्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई: CBIFIR में देरी पर SC का ममता सरकार से सवालअगर अननेचुरल डेथ नहीं थी, तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी?: SCपुलिस अधिकारी का आचरण बहुत ही संदिग्ध: SCकोर्ट में अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया की जरूरत नहीं: CJIFIR में 14 घंटे की देरी का क्या कारण?: CJIशांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों पर कोई कार्रवाई ना हो: CJIवापस काम पर लौटने वाले डॉक्टरों पर भी कार्रवाई नहीं: CJIइस मामले में राजनीतिक बयानों की चर्चा न करें: CJI

पॉलीग्राफ टेस्ट पर कल शाम 5 बजे आदेश दे सियालदह कोर्ट: SC

CJI ने कहा कि हमें CBI और कोलकाता पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट मिल गई है। कलकत्ता पुलिस विरोध प्रदर्शन के बाद छात्रावास में हुई तोड़फोड़ की जांच कर रही है उस रिकॉर्ड से पता चलता है कि आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का अनुरोध ACJM सियालदह को सौंपा गया है और यह प्रक्रियाधीन है, ऐसे में ACJM सियालदह 23 अगस्त, 2024 को शाम पांच बजे से पहले इस आवेदन पर आदेश पारित करेंगे। CJI ने कहा कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं हालांकि यह भी बताया गया है कि राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय कर सकती हैं। अब सुप्रीम कोर्ट पांच सितंबर को अगली सुनवाई करेगा।

इस मामले में राजनीतिक बयानों की चर्चा न करें: CJI

SG ने पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वो कह रहे है जो उंगली दिखाएंगे, उनकी उंगलियां काट दी जाएगी। इस पर सिब्बल ने कहा आपके नेता तो गोली मारने की बात कर रहे है। इस बहस के दौरान CJI ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक बयानों की चर्चा न करें। CJI कि बेंच में AIIMS की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम काम कर रहे हैं और प्रोटेस्ट भी कर रहे है लेकिन प्रोटेस्ट की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है। अलग अलग राज्यों मे डाक्टरों की ओर से भी ऐसे ही आग्रह किया गया। CJI ने कहा कि पहले आप काम पर लौटे क्योंकि चिकित्सा एक बड़ी जिम्मेदारी है, उसको ध्यान मे रखना होगा। साथ ही CJI ने य़ह भी कहा की डॉक्टर को काम पर लौटना चाहिए। हमनें एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई है।डॉक्टर को ड्यूटी ज्वाइन करनी चाहिए लोग उनका इंतजार कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर यंग है उन्हे समझना चाहिए और उन्हें काम पर लौटना चाहिए।

डॉक्टरों और इंटर्न की चिंताओं का समाधान किया जाएगा: CJI

CJI ने रेजिडेंट डॉक्टर की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर डॉक्टर काम पर नहीं गए है तो वो अनुपस्थित माने जायेंगे और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। वहीं रेजिडेंट डॉक्टर की तरफ से कहा गया की उन्हें भी कमिटी में शामिल किया जाए। CJI ने कहा कि कमिटी में वो लोग है जो लंबे समय से स्वास्थ्य के क्षत्र में काम कर रहे हैं। आप निश्चिंत रहिए कमिटी आपकी बात भी सुनेगी। CJI ने कहा कि अगर हम सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व मांगना शुरू कर देंगे तो मामले को ठीक से संभालना संभव नहीं होगा। समिति को पहले फैसला करने दीजिए। समिति में महिला डॉक्टर हैं जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में काफी समय तक काम किया है। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि डॉक्टरों और इंटर्न की चिंताओं का समाधान किया जाएगा। कई सरकारी अस्पतालों के लिए पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि 30 हजार डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता हूं, हमें इसमे कुछ प्रतिनिधित्व चाहिए।

मैं खुद एक सरकारी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं: CJI

CJI ने कहा कि चूंकि आप सरकारी अस्पताल के प्रतिनिधि हैं इसलिए आपकी हिस्सेदारी बहुत बड़ी है। समिति को बैठक बुलाने दीजिए और आपके प्रतिनिधि की बात सुनी जाएगी। मामले पर सुनवाई के दौरान CJI ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि डॉक्टर 36 घंटे काम कर रहे हैं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं जब मेरे परिवार के एक सदस्य बीमार हुए थे। उन्होंने कहा कि हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि उनके उपर बहुत प्रेशर है 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है। वकील करुणा नंदी ने कहा पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर कई अनिमिताओं के आरोप लगे है।

क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई: CBI

CJI ने कहा कि हम पहले CBI की रिपोर्ट देखते है, उसके बाद सुनेंगे। पश्चिम बंगाल पुलिस को तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने भी अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी है। वकील गीता लूथरा ने कहा कि वो आरजी कर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से पेश हो रही है। जूनियर डॉक्टरों को प्रशासन के सदस्यों, अस्पताल के लोगों द्वारा धमकाया जा रहा है। CJI ने कहा कि यह गंभीर आरोप है, हमें नाम बताएं, हम इस पर ध्यान देंगे। CJI ने CBI के लिए पेश SG तुषार मेहता से पूछा कि आरोपी को मेडिकल रिपोर्ट कहा है? SG ने कहा कि इस मामले में CBI की इंट्री पांचवें दिन हुई। हमारे पास पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी है। SG ने कोर्ट को बताया कि उस डॉक्टर के अंतिम संस्कार के बाद 11.45 पर दर्ज की गई है। फिर माता-पिता से कहा गया कि यह आत्महत्या है जबकि बाद मे हत्या की बात सामने आई जब अस्पताल में मृत ट्रेनी डॉक्टर के दोस्तों ने वीडियोग्राफी पर जोर दिया क्योंकि उन्हें भी संदेह हुआ था कि कुछ गड़बड़ है। इतना ही SG ने कहा कि क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई। उन्होंने कहा कि CBI को जांच शुरू करना एक चुनौती है।

FIR में देरी पर SC का ममता सरकार से सवाल

CJI ने कहा कि हम आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट देखना चाहते है। सिब्बल ने अदालत में कहा कि उन्हें पास टाइम लाइन है। हर मिनट क्या हुआ? फ़िलहाल बेंच पश्चिम बंगाल सरकार की स्टेट्स रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे है, जिसमें उपद्रवियों के खिलाफ क्या किया गया? CJI ने सिब्बल से पूछा कि अननेचुरल डेथ की DD इंट्री सुबह 10.10 पर दर्ज की गई, जबकि 11.30 के बाद FIR दर्ज की गई, य़ह बात परेशान करने वाली है। जस्टिस पारडिवाला ने पूछा कि पोस्टमार्टम कब हुआ? सिब्बल ने कहा कि शाम 6 से 7 बजे के बीच। उन्होंने पूछा कि कैसे 9 अगस्त को रात 18.10 बजे पोस्टमार्टम किया गया, क्योंकि महिला डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत हो गई और फिर भी अप्राकृतिक मौत की जानकारी 9 अगस्त को रात 11.30 बजे पुलिस को भेजी जाती है, यह बेहद परेशान करने वाला है, हालांकि रेप-हत्या 8-9 अगस्त की रात में हुई थी, लेकिन पुलिस को 9 अगस्त को सुबह 10.10 बजे ही अपराध के बारे में सूचित किया गया था। अस्पताल के अधिकारी इतने लंबे समय तक क्या कर रहे थे?

अगर अननेचुरल डेथ नहीं थी, तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी?: SC

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से फिर पूछा कि आखिर इतना समय क्यों लग रहा है? कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस से पूछा कि अननैचुरल डेथ केस आपने कब दर्ज किया? हम आपसे सही उत्तर का इंतजार कर रहे है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के वकील से कहा कि अगली सुनवाई में जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को अदालत में मौजूद रखिएगा, जिसे केस के बारे में जानकारी हो। जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि पोस्टमार्टम किस समय किया गया? सिब्बल ने कहा कि शाम 6:10 से 7:10 बजे, जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि जब आप शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे, तो क्या यह अननेचुरल डेथ का मामला था या नहीं, अगर यह अननेचुरल डेथ नहीं थी तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी? जब आप पोस्टमार्टम करना शुरू करते हैं तो यह अननेचुरल डेथ का मामला है। अननेचुरल डेथ 11.30 बजे दर्ज किया गया और एफआईआर 11.45 बजे दर्ज की गई। क्या यह रिकॉर्ड सही है? सिब्बल ने बताया कि अननेचुरल डेथ दोपहर 1:45 बजे दर्ज की गई, जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हम इन (CBI और राज्य सरकार) दोनों रिपोर्टों को कैसे मिला सकते हैं। अननेचुरल डेथ के रजिस्ट्रेशन से पहले पोस्टमार्टम होता है। यह आश्चर्यजनक है अपने अधिकारियों से बात करिए अगर यह तथ्य है।

पुलिस अधिकारी का आचरण बहुत ही संदिग्ध: SC

जस्टिस पारदीवाला ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि आप ये बताइए कि FIR के पहले आपने य़ह कब पुलिस डायरी में मेंशन किया कि य़ह अननैचुरल डेथ थी? उन्होंने कहा कि जो सहायक पुलिस अधीक्षक रहा, उनका आचरण भी बहुत संदिग्ध है। उन्होंने ऐसा क्यों किया? सिब्बल ने कहा कि वह एक महिला हैं, CJI ने कहा कि अब अपने दस्तावेज़ में देखें कि पुलिस डायरी में एंट्री सुबह 5.20 बजे की है। अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली कि महिला सुबह 10.10 बजे अर्धनग्न अवस्था में लेटी हुई थी। मेडिकल बोर्ड ने राय दी कि रेप हुआ और पुलिस डायरी में एंट्री से पता चलता है कि अपराध रात में हुआ था, लेकिन शव के पोस्टमार्टम के बाद 9 अगस्त की शाम लगभग 7 बजे अपराध स्थल को 18 घंटे से अधिक समय के बाद सुरक्षित किया गया। उस घटना की एरिया की घेराबंदी पोस्टमार्टम के बाद की गई है। CJI ने कहा की हमने पुलिस डायरी देख ली हैं कि कैसे इस मामले में पुलिस ने जांच की? SG ने कहा कि अन नेचुरल डेथ केस 11.30 रात को रजिस्टर्ड हुआ। उसके बाद FIR दर्ज की गई। उन्होनें ने सिब्बल के हंसने पर आपत्ति जताई कहा किसी की मौत हुई है। उस मामले की सुनवाई चल रही है आप हंस कैसे कर सकते है? किसी की गरिमा का सवाल है

कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया की जरूरत नहीं: CJI

दरअसल DD इंट्री को लेकर तुषार मेहता अपनी बात रख रहे थे तभी हंसते हुए सिब्बल ने उनके सवाल का जवाब दिया। SG ने कहा कि हॉस्पिटल ने FIR दर्ज नहीं कराई। पीड़िता के पिता ने मामले में FIR दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि पुलिस का आरोप गलत है कि शुरुआत में पिता ने FIR दर्ज न करने को कहा था, बाद में फिर पिता के कहने पर FIR दर्ज हुई। CJI ने एक वकील द्वारा कुछ सुबूत के बारे में बताने पर CJI ने कहा कि हमारे पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट है। हमें कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टर के अप्राकृतिक मौत, पोस्टमार्टम के पंजीकरण में पुलिस द्वारा किए गए कानूनी औपचारिकताओं के समय पर कई सवाल उठाए। CJI ने 151 एमजी सिमन मिलने के विषय को खारिज करते हुए कहा आप ऐसे तर्कों का प्रयोग न करे सोशल मीडिया की उपज हो।

FIR में 14 घंटे की देरी का क्या कारण?: CJI

CJI ने कहा कि हमारे पास PM की रिपोर्ट है और हम जानते हैं कि 151 किस बारे में कहा गया है। कलकत्ता के आर.जी. कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और रेप के मामले मे लंच के बाद सुनवाई शुरू हुई, CJI ने पूछा कि घटना के अगले दिन ही मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया? CJI ने पूछा कि रात 11.30 बजे FIR दर्ज करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता, जबकि शव बहुत पहले बरामद किया जा चुका था। FIR में 14 घंटे की देरी का क्या कारण है? पश्चिम बंगाल सरकार के लिए पेश सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुए क्योंकि उस समय तक सभी जांच पहले ही हो चुकी थी। वही जहा तक FIR को बात है माता-पिता ने कहा कि जब हम औपचारिक शिकायत देंगे उसके बाद ही FIR दर्ज की जाएगी, CJI ने सुनवाई के बाद आदेश लिखवाते हुए कहा कि प्रिंसिपल को सीधे एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी।जिस समय प्रिंसिपल ने इस्तीफा दिया, उसे दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया।

शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों पर कोई कार्रवाई ना हो: CJI

CJI ने कहा कि सुनवाई के दौरान वकीलों के तरफ से कुछ सुझाव दिए गए। जिसमें ड्यूटी के घंटो को रेगुल्टे करने और मुआवजे के लिए फंड बनाने की मांग की गई है। हमारे द्वारा गठित कमिटी इन सुझावों पर भी गौर करेगी। CJI ने कहा कि ट्रेनी डॉक्टर की मौत की CBI जांच जारी रहेगी, वहीं राज्य पुलिस को तोड़फोड़ की जांच करने दें। CJI ने स्पष्ट किया कि हमने कभी नहीं कहा कि सामान्य कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा। केवल इतना कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तारी न करें। CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार को कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों पर कोई नहीं करेगी। CJI ने कहा कि इस मामले में एक पोर्टल ओपन किया जाए जिसमें लोग अपने सुझाव दे सके। अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करेंगे।

वापस काम पर लौटने वाले डॉक्टरों पर भी कार्रवाई नहीं: CJI

CJI ने हड़ताड़ पर गए डॉक्टरों को फिर कहा कि वो काम पर लौटे क्योंकि जो लोग साल दो साल पहले से तारीख ले चुके है उनको असुविधा होगी। CJI ने कहा कि पहले डॉक्टर काम पर लौटे, उनके खिलाफ को कार्यवाई नहीं होगी अगर वो काम पर लौटेंगे। हम उम्मीद करते है की डॉक्टर ड्यूटी पर वापस आयेंगे, जो डॉक्टर पहले प्रदर्शन पर गए थे की उनके खिलाफ कोई करवाई नहीं होगी, लेकिन अगली सुनवाई पर हमें बताएं की कोई भी डॉक्टर हड़ताड़ पर नहीं है। वही CJI ने SG के बयान को रिकॉर्ड पर लिया, जिसमें उन्होंने CISF की सुरक्षा आर जी मेडिकल कॉलेज मैं देने को बात कही थी।

इस मामले में राजनीतिक बयानों की चर्चा न करें: CJI

SG ने पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वो कह रहे है जो उंगली दिखाएंगे उनकी उंगलियां काट दी जाएगी। इस पर सिब्बल ने कहा कि आपके नेता तो गोली मारने की बात कर रहे है। इस बहस के दौरान CJI ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक बयानों की चर्चा न करें। CJI कि बेंच में AIIMS की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम काम कर रहे हैं और प्रोटेस्ट भी कर रहे है लेकिन प्रोटेस्ट की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है। अलग अलग राज्यों मे डाक्टरों की ओर से भी ऐसे ही आग्रह किया गया। CJI ने कहा पहले आप काम पर लौटे क्योंकि चिकित्सा एक बड़ी जिम्मेदारी है, उसको ध्यान मे रखना होगा। साथ ही CJI ने य़ह भी कहा कि डॉक्टर को काम पर लौटना चाहिए, हमने एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई है।

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