कोलकाता आरजी कर अस्पताल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स को अपने काम में तेज़ी लाने को कहा है। CBI की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नेशनल टास्क फोर्स की आखिरी मीटिंग करीब एक महीने पहले 9 सितंबर को हुई थी। CJI ने इस सवाल उठाते हुए कहा कि इस दरम्यान एक महीने से ज़्यादा के वक़्त में कोई मीटिंग क्यों नहीं हुईं?। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सुनिश्चित करें कि NTF का काम एक तय समयसीमा में पूरा हो सके। NTF की मीटिंग नियमित अंतराल पर होती रहनी चाहिए। सभी सब ग्रुप की भी नियमित मीटिंग करनी चाहिए, ये पूरी कवायद तीन हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
गौरतलब है कि कोलकाता रेप मर्डर केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था। नेशनल टास्क फोर्स को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और काम के लिए सुविधानक माहौल बनाने को लेकर अपने सुझाव देने है। सुनवाई के दौरान CBI ने बताया कि इस मामले में आरोपी संजय राय के खिला चार्जशीट 7 अक्टूबर को दाखिल कर दी है। निचली अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। आरोप तय करने को लेकर 4 नवंबर की तारीख तय की है।CBI ने कहा है कि इस मामले में बाकी आरोपियों की भूमिका को लेकर जांच जारी है। CBI मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की भी जांच कर रही है। कोर्ट ने जांच के दोनों पहलुओ को लेकर CBI को तीन हफ्ते में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से अगली सुनवाई तक बताने को कहा है कि सिविल वालेंटियरों को नियुक्त करने के लिए अथॉरिटी कौन है, कानूनी आधार क्या है?, उनकी योग्यता क्या तय की जाती है? और वो संस्थान जिनमें उन्हें काम सौंपा गया है?। सिविल वालेंटियर की दैनिक और मासिक आधार पर किए जाने वाले भुगतान और बजट के बारे मे जानकारी दी जाए। साथ ही हलफनामे में यह भी बताया जाए कि यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं कि ऐसे सिविल वालेंटियर्स को अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों मे तैनात नहीं किया जाएगा और अपराध की जांच में भी इन्हे तैनात नहीं किया जाए। CJI ने कहा कि य़ह चयनित लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्रदान करने का अच्छा तरीका है क्योंकि ऐसे वॉलिंटियर्स स्कूल और अस्पताल जैसे संवेदनशील प्रकृति वाली जगहो पर काम नहीं कर सकते।
वही हड़ताली डताली डॉक्टरों की तरफ से वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि डॉक्टर काम पर वापस लौट गए हैं। कुछ डॉक्टर हड़ताल पर हैं। जिनमे आठ भूख हड़ताल पर है उनमे से तीन डॉक्टर अस्पताल में भर्ती हैं। हम सभी चाहते हैं कि ऐसी हड़ताल बंद हो क्योंकि हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। दरअसल, वरिष्ठ वकील करुणा नंदी ने रात्रि साथी कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे वालंटियर पुलिस स्टेशन तक में मौजूद है, जिनकी संख्या लगभग 1500 तक हो गई है। CJI ने पूछा कि आरोपी संजय रॉय सिविल वालेंटियर था। उसे कैसे भर्ती किया गया?। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि राज्यष अधिसूचना के माध्यम से भर्ती किया गया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट मे अपना हलफनामा दाखिल कर कहा कि विभिन्न स्तरों पर समिति गठित की गई है, आपातकालीन अलार्म भी लगाए गए हैं और आरजी कार कॉलेज मे 31 अक्टूबर तक सभी बचे हुए काम को पूरा कर लिया जाएगा। CJI ने पूछा कि क्या बायोमेट्रिक लगाएगए है? पश्चिम बंगाल ने कहा कि हम 31 अक्टूबर तक बायोमेट्रिक और शौचालय के काम को भी पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेटे हुए कहा कि राज्य सरकार के हलफनामे के मुताबिक शौचालय ड्यूटी रूम और CCTV के काम का ब्योरा दिया गया है। जिसके मुताबिक 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है लेकिन आरजी कर का काम अभी बाकी है।
CJI ने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया है कि 28 मेडिकल कॉलेजों में चल रहे सभी अधूरे कार्य 21अक्टूबर तक और आरजी कर में बचे हुए काम को 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही CJI ने कहा कि राज्य की समिति, शिकायत निवारण समिति, राज्य और जिला स्तर पर सुरक्षा ऑडिट और अस्पतालों में तैनात सुरक्षाकर्मियों का सत्यापन के काम को भी जल्द ही पूरा किया जाए। CJI ने बताया कि राज्य सरकार ने एक इंटीग्रेटेड हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया है। जिसमें ऑनलाइन डिस्चार्ज, ऑनलाइन दवा के पर्चे आदि की निगरानी के साथ ऑनलाइन रियलटाइम बेड वेकेशन भी मॉनिटर होगा।