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Legal Beat > News > Lower Court > स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामला: बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट से बड़ा झटका; जमानत याचिका खारिज
Lower Court

स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामला: बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट से बड़ा झटका; जमानत याचिका खारिज

Sapna
Last updated: May 27, 2024 12:36 pm
Sapna
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आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, सोमवार दोपहर में ही कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को बिभव कुमार की जमानत पर सुनवाई में शामिल होने के लिए स्वाति मालीवाल खुद कोर्ट पहुंची थी। बिभव के वकील एन हरिहरन ने सुनवाई के दौरान जब कौरवों और द्रौपदी का भी जिक्र किया तो इस बीच स्वाति मालीवाल कोर्ट के समक्ष ही रो पड़ीं। बिभव कुमार के वकील ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री आवास के ड्राइंग रूम को जानबूझकर चुना था क्योंकि वहां पर कोई सीसीटीवी नहीं है। वह जानती थीं कि वहां सीसीटीवी नहीं है। उसने अपनी इस जगह को चुना ताकि वह बाद में सुविधा के अनुसार आरोप लगा सके। उन्होंने कहा कि ये एक तरह से सुनियोजित था।

वकील ने कहा कि बिभव कुमार की छवि जानबूझकर खराब की जा रही है क्योंकि स्वाति मालीवाल को लगता है कि केजरीवाल से मिलने नहीं देने के लिए विभव जिम्मेदार हैं। वकील ने कहा कि घटना के दिन एसएचओ ने कोई मेडिकल जांच नहीं कराई थी। घटना के तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज कराई गई थी। विभव के वकील ने कहा कि जिन धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है, उसका कोई मतलब नही बनता है। उसका मतलब है कि निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला करना. वह कह रही हैं कि उसकी शर्ट ऊपर उठ गई थी। लेकिन निर्वस्त्र करने का इरादा अलग बात है। अगर प्राचीन समय में देखें तो ये अपराध कौरवों पर लागू होता था, जिन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था। लेकिन इस मामले में निर्वस्त्र करने का इरादा नहीं है? लेकिन मालीवाल के बयानों पर गौर करें तो इस मामले में ये आकस्मिक स्थिति है।

वकील ने कहा था कि मालीवाल का आरोप है कि विभव ने उनसे कहा कि तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी? क्या बात? कोई बातचीत ही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि उनकी केजरीवाल से मुलाकात ही नहीं हो पाई, उन्होंने कहा कि बिभव आए और थप्पड़ मारने लगे। कोई ऐसा क्यों करेगा? क्या कोई सीएम के घर जैसी जगह पर ऐसी हरकत करेगा, जहां इतनी सिक्योरिटी है. मेडिकल तीन से चार दिन बाद हुआ। दिल्ली पुलिस के बनाए हुए काफी केस देखे लेकिन ऐसा केस नहीं देखा। बिभव कुमार वहां मौजूद थे क्योंकि मालीवाल ने उन्हें बुलाया था। रही बात चोटों के निशान की तो इन्हें खुद भी बनाया जा सकता है। ऐसा लग रहा है कि जैसे सब कुछ प्लानिंग के तहत किया गया।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि बिभव कुमार के पास क्या अधिकार है कि नौकरी जाने के पास भी वहां काम कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि मोबाइल का पासवर्ड बताने से इंकार कर दिया था। मोबाइल को फॉर्मेट किया गया। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी गंभीर है। जमानत देना सही नही होगा। दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि आप बिना किसी उकसावे के एक महिला को पीट रहे थे। उसे घसीट रहे थे। मैं पूछता हूं कि क्या इससे मौत नहीं हो सकती थी। आप इस तरह एक महिला को पीट रहे थे कि उसकी शर्ट के बटन खुल गए थे। यहां मंशा का सवाल नहीं है। आप कह रहे हैं कि वह (मालीवाल) विभव की छवि खराब करने के इरादे से एक मकसद के तहत वहां पहुंची थीं। वह मौजूदा सांसद है। वह दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि पार्टी प्रमुख खुद उन्हें लेडी सिंघम कह चुके हैं। अब आप कह रहे हैं कि वह विभव की छवि खराब करने वहां गई थीं? वह (बिभव) कौन है? वह स्थाई सरकारी कर्मचारी भी नहीं है। उन्हें पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। इससे पता चलता है कि वह कितने रसूखदार हैं। आपकी खुद की पार्टी की सदस्य केजरीवाल से मिलने जा रही थी, इसके लिए किसकी मंजूरी की जरूरत थी, विभव की! उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। वह एक ऐसा शख्स है, जिसका ये कहने का कोई अधिकार नहीं था कि तुमने मालीवाल को आने कैसे दिया?

बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में खड़े होकर स्वाति मालीवाल ने जज से कहा कि जब से मैंने शिकायत दर्ज कराई है। तब से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मैंने झूठी FIR कराई है। ये आरोपी के बचाव में उतरे और लखनऊ से लेकर क‌‌ई जगहों पर लेकर घुमते रहे। गिरफ्तारी के बाद मुझे धमकियां मिल रही हैं। आम आदमी पार्टी का पूरा तंत्र उसके बचाव में उतर आया सड़क पर उतरे।इनके पास एक बहुत बड़ा सिस्टम है जोकि मेरे चरित्र हनन में लगा हुआ है। लोगों को कहा कहा है कि कोई मेरे साथ खड़ा ना हो। कभी गाडियां तो कभी कुछ कहा जा रहा है। ये आदमी बहुत पावर फुल है अगर बाहर आया तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा है। दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि विभव कुमार के पास क्या अधिकार है कि नौकरी जाने के पास भी वहां काम कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि मोबाइल का पासवर्ड बताने से इंकार कर दिया था। मोबाइल को फॉर्मेट किया गया। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी गंभीर है, जमानत देना सही नही होगा।

TAGGED:बिभव कुमारस्वाति मालीवाल बदसलूकी मामला
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