बिहार में वोटर लिस्ट के रिविजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को सुनवाई करेगा। सोमवार को वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, गोपाल शंकर नारायणन ने जस्टिस सुधांशु धूलियां की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा और जल्द सुनवाई की मांग की।
इस पर जस्टिस सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने गुरुवार को सुनवाई की बात कहीं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की अर्जी की कॉपी चुनाव आयोग को देने को कहा है। दरअसल, अभी तक जिन्होंने इस मसले पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, उनमें आरजेडी सांसद मनोज झा, एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, PUCL और महुआ मोइत्रा शामिल है।
आपको बता दें कि पिछले हफ़्त एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग का यह फैसला मनमाना है और इसके चलते बिहार के लाखों मतदाताओं का मतदान का अधिकार छीन जाएगा। गौरतलब है कि बिहार में इसी साल चुनाव होने है। बीते 24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न) की घोषणा की थी। आयोग के इस फैसले पर विपक्षी दल के नेता भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है।