कन्हैया लाल के मर्डर पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो फिल्म पर फिर से विचार करे। दरअसल, आज केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि फ़िल्म में 6 कट्स लगाने को लेकर दिए पुराने आदेश को वो वापस लेगी और क़ानून के मुताबिक नया फैसला लेगी। केंद्र सरकार ने यह दलील उसकी ओर से गठित कमेटी के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से की गई आपत्ति के मद्देनजर दी है।
आज ही सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया था कि सिनेमेटोग्राफ एक्ट के तहत रिवीजन के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए सरकार कैसे फिल्म में 6 कट लगाने या बदलाव करने का आदेश पास कर सकती है। फ़िल्म प्रोड्यूसर की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि वो 8 अगस्त को फिल्म रिलीज करना चाहते है। इसके मद्देनजर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वो 4 अगस्त को दोनों पक्षों को सुने और 6 अगस्त तक फैसला ले दे।
लंच से पहले सुनवाई में HC ने केंद्र के फैसले पर उठाए थे सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा था कि आपको यह शक्ति कहां से मिली। बोर्ड को संशोधन के लिए सिफारिश करने का आपका अधिकार कहां से है?।क्या आपके पास ऐसा कोई अधिकार उपलब्ध है? हाईकोर्ट ने फिल्म में बदलाव करने के केंद्र के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी। सिनेमैटोग्राफ एक्ट के तहत अपनी पुनरीक्षण शक्तियों के प्रयोग पर हाईकोर्ट ने सवाल किया था। सवाल के जवाब में ASG चेतन शर्मा ने हाई कोर्ट को लंच से पहले बताया था कि सरकार के निर्णय को रद्द किया जा सकता है, क्योंकि वह कोर्ट को आश्वस्त करने में असमर्थ रहे हैं। हालांकि चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने ASG को सरकार से औपचारिक रूप से निर्देश लेने को कहा था।