बिहार के एक गांव के मुखिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आपके खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है, तो आप बिहार में गांव के मुखिया नहीं हो सकते। एक मुखिया होने के लिए ज़रूरी है कि आपके खिलाफ केस हो। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मुखिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी के साथ तंज भी कसा है।
दरअसल, बिहार के इस मुखिया के खिलाफ आठ केस दर्ज है, उसका आरोप था कि चूंकि वो गांव का मुखिया है। इस नाते उसे गांव की राजनीति में फंसाया गया है। जस्टिस सूर्यकांत ने वकील से पूछा कि इस मामले के अलावा भी आपके मुवक्किल के ख़िलाफ़ और केस हैं?आपके खिलाफ अन्य मामलों का ब्यौरा कहां है? वकील ने कहा कि अन्य मामले भी हैं, गांव की राजनीति के कारण ऐसा हुआ है।
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि बिहार में एक गांव के मुखिया के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज होने ही चाहिए। मेरे साथी जज जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह कह रहे हैं कि अगर आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है तो आप बिहार में मुखिया बनने के योग्य नहीं हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुखिया की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं, ऐसे में इस स्टेज पर अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है