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Lower Court

प्रोबेशनरी IAS पूजा खेडखर की अग्रिम जमानत पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा; कल शाम 4 बजे आएगा फैसला

Sapna
Last updated: July 31, 2024 4:00 pm
Sapna
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प्रोबेशनरी IAS पूजा खेडखर की अग्रिम जमानत की याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। ASJ देवेन्द्र कुमार जंगाला की अदालत गुरुवार को शाम 4 बजे अपना फैसला सुनाएगी। दरअसल, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने UPSC की शिकायत पर FIR दर्ज की थी। पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी और विकलांगता अधिनियम की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी। सुनवाई के दौरान UPSC और दिल्ली पुलिस ने खेडखर की अग्रिम जमानत का विरोध किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर पूजा को अग्रिम जमानत दी गई तो वह जांच में सहयोग नहीं करेगी।

Contents
प्रोबेशनरी अधिकारी के भी कुछ अधिकार हासिल हैं: पूजापूजा पिछड़े वर्ग के समान लाभ की हकदार: वकीलयौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने के चलते ही मेरे खिलाफ कार्रवाई: पूजाक्या UPSC उम्मीदवारों का सत्यापन नहीं करता?: कोर्टपूजा ने परीक्षा प्रक्रिया में धोखाधड़ी की: UPSC

प्रोबेशनरी अधिकारी के भी कुछ अधिकार हासिल हैं: पूजा

बुधवार को सुनवाई के दौरान पूजा की वकील बीना माधवन ने FIR में धाराओं के बारे में बताया। माधवन ने कहा कि इस मामले में शिकायत UPSC की तरफ से की गई है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है, पूजा को गिरफ्तार होने का खतरा है। माधवन ने कहा कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी है। जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल है। माधवन ने UPSC की शिकायत पढ़ते हुए कहा कि जिसमें कहा गया था कि खेडकर ने अपना नाम बदलकर UPSC की परीक्षा में तय सीमा से अधिक अटेम्ट हासिल किए। UPSC का कहना है कि उन्हें पूजा के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं लेकिन पूजा ने कोई जानकारी नहीं छिपाई है। जहां तक ज्यादा अटेम्ट की बात है उन्होंने भूलवश संख्या गलत बताई। माधवन ने पूजा खेडकर का विकलांगता प्रमाण पत्र अदालत के सामने रखते हुए बताया कि यह सर्टिफिकेट आठ डॉक्टरों द्वारा बनाया गया है,जो AIIMS का बोर्ड है। जिसका कहना है कि पूजा स्थायी विकलांगता की कैटेगरी मे आती है। इसकी मूल कॉपी UPSC के पास है। उस सर्टिफिकेट में कहा गया है कि खेडकर एक मल्टीपल डिसेबल की शिकार हैं और उनकी विकलांगता का प्रतिशत 47 प्रतिशत है।

पूजा पिछड़े वर्ग के समान लाभ की हकदार: वकील

पूजा की वकील माधवन ने कहा कि एक फैसले में कहा गया है कि विकलांग व्यक्ति पिछड़े वर्गों के लोगों के समान हैं इसलिए वह पिछड़े वर्ग के समान लाभ के हकदार हैं। माधवन ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में कहा है कि वो कस्टडी मे पूछताछ करना चाहती। मुझे अपने बचाव का मौका मिलना चाहिए क्योंकि अलग-अलग अथॉरिटी की तरफ से मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि IAS अकादमी मसूरी, पुणे कमिश्नर औय DOPT ने भी मुझे नोटिस भेजा है। इसलिए हमने अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है।माधवन ने कहा कि मेरे उपर केस दर्ज होने के बाद से ही मीडिया मेरे खिलाफ हो गया है। मैंने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई इसलिए ऐसा किया जा रहा है। माधवन पूजा के खिलाफ़ एकमात्र आरोप यह है कि उसने अटेम्ट के बारे में जानकारी छिपाई है, उसने 5 अटेम्ट की बात कही है जबकि उसे 12 अटेम्ट बताना चाहिए था, वो इसलिए कि वह एक अलग कोटे के तहत आती है। इसके पीछे उसकी भावना सही या नहीं,इसकी जांच की जानी चाहिए।

यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने के चलते ही मेरे खिलाफ कार्रवाई: पूजा

माधवन ने पूजा खेडकर का नाम बदले जाने पर बचाव करते हुए कहा कि मेरे उपर लगया गया था आरोप गलत है क्योंकि इस देश में कोई भी अपना नाम बदल सकता है और यह सब कानूनी तरीके से किया गया। ऐसे मेरे खिलाफ मुकदमा चलाना एक तरह से साजिश है। वकील ने CSE के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मुझे अपना बचाव करने का मौका दिया जाना चाहिए। वही UPSC हर रोज मीडिया को इंटरव्यू दे रहा है जबकि हम मीडिया के पास नहीं गए। उन्होंने आरोप लगया की यह सब उस कलेक्टर के इशारे पर हो रहा है, जिसके खिलाफ मैंने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। पूजा खेडकर की वकील ने कहा कि उसके माता-पिता का तलाक हो चुका है। वह एक दिव्याग है और उसे उसी व्यवस्था ने विकलांग बना दिया है जिसका काम उसकी रक्षा करना था,उन्होंने सवाला उठाया कि उसके खिलाफ यह सब क्यों कर रहा है? क्योंकि वह एक महिला है और वह दिव्याग है?। मुझे अग्रिम जमानत दी जाए जिससे मै अपनी बेगुनाही साबित कर सकू।

क्या UPSC उम्मीदवारों का सत्यापन नहीं करता?: कोर्ट

कोर्ट ने UPSC से पूछा कि UPSC की परीक्षा आयोजित करता है और नियुक्ति की सिफारिशें भेजता है तो क्या उम्मीदवारों का सत्यापन नहीं किया जाता है? UPSC के वकील ने कहा कि हम कोई जांच एजेंसी नहीं हैं। कोर्ट ने फिर पूछा कि क्या वेरिफिकेशन UPSC का काम नहीं है?। UPSC की तरफ से कहा गया प्रथम दृष्टया दस्तावेजों का सत्यापन और जांच ही उनका का काम है। पूजा खेडकर ने न केवल UPSC ही नहीं बल्कि कोर्ट के समक्ष भी कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है।उन्होंने गैरकानूनी तरीके से नौकरी हासिल की जो UPSC ही नहीं बल्कि पूरे समाज के खिलाफ अपराध है। वह कोर्ट के समक्ष झूठी गवाही देने के अपराध की भी दोषी है क्योंकि अपने आवेदन पत्र में गलत जानकारी दे रही है उनको इसकी पूरी जानकारी है। वह अपराध कर रही है।

पूजा ने परीक्षा प्रक्रिया में धोखाधड़ी की: UPSC

UPSC ने कहा कि पूजा ने परीक्षा प्रक्रिया में धोखाधड़ी की है। अगर UPSC के पास मुकदमा चलाने की शक्ति होती तो वह मुकदमा चलाती, क्योंकि अपराध बहुत ही सावधानी से किया गया है। उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीकों का पता लगाने के लिए जांच जरूरी है नहीं तो दूसरे लोग भी इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। UPSC ने सवाल उठते हुए कहा कि वह कहती है कि कोई भी अपना नाम बदल सकता है। मैंने भी अपना नाम बदला है लेकिन नाम तो बदला जा सकता है लेकिन आप नाम की स्पेलिंग कैसे बदल सकते हैं?। वही उसे अपने माता-पिता का नाम बदलने का अधिकार नहीं है लेकिन उसने ऐसा भी किया। मामले मे दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर पूजा को अग्रिम जमानत दी गई तो वो जांच में सहयोग नहीं करेगी।पूजा की वकील माधवन ने कहा कि मुझे निष्पक्ष बचाव की आवश्यकता है। मैं एक प्रोबेशनर हूँ जो अपना प्रशिक्षण ले रहीहूँ। मेरे लिए IAS प्रोबेशन नियम के कानून है। यदि उसे सुनवाई का अवसर दिए बिना आरोप-पत्र दाखिल किया जाता है, तो वह अपनी नौकरी खो देगी।

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