नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवन्यू कोर्ट में कल भी सुनवाई जारी रहेगी। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आज अपना पक्ष रखा। कल राहुल गांधी के वकील अपना पक्ष रखेंगे। आज सोनिया गांधी के वकील सिंघवी ने ईडी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला मनी लांड्रिंग नहीं बल्कि महज एजेएल (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) के स्वामित्व का मामला है। सिंघवी ने दलील दी कि मान लीजिए कि यंग इंडियन एजेएल की 100 प्रतिशत मालिक है, तो भी यह पूरी तरह से एक स्वामित्व का मामला है, मनी लांड्रिंग कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि ईडी की चार्जशीट कयासों और काल्पनिक स्थितियों पर आधारित है, जो कानून स्वीकार्य नहीं है।
सिंघवी ने दलील दी कि आप एक काल्पनिक और अटकलों पर आधारित मामला नहीं बना सकते। यह संस्था 65 से अधिक वर्षों से काम कर रही है। इतने लंबे समय के बाद इसे मनी लाॅड्रिंग का मामला नहीं कहा जा सकता। सिंघवी ने यह भी सवाल उठाया कि ईडी ने 2010 से लेकर 2021 तक इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? आखिर 11 साल तक क्या किया गया? उन्होंने कहा कि एजेंसी ने बिना किसी स्पष्ट कारण के 11 साल की चुप्पी के बाद अचानक सक्रियता दिखाई है, जो जांच की मंशा पर सवाल खड़े करती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मामला अभूतपूर्व और बहुत अजीब है, जिसमें न कोई पैसे का लेन-देन हुआ, न संपत्ति का स्थानांतरण। ईडी ने 2010 से 2021 तक 11 वर्षों तक कुछ नहीं किया और अब अचानक जाग गई है।
सिंघवी ने ईडी की जांच को राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह पूरा मामला सिर्फ एक स्वामित्व विवाद है, जिसे मनी लांड्रिंग का जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मनी लांड्रिंग केस है जिसमें न कोई धनराशि दी, न कोई संपत्ति ट्रांसफर हुई, न ही किसी लाभ का उपयोग हुआ। सिंघवी ने बताया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के पास देशभर में वर्षों से संपत्तियां हैं, लेकिन इनमें से किसी की भी मालिकाना स्थिति नहीं बदली है। उन्होंने यह भी कहा कि एजेएल और यंग इंडियन दोनों ही गैर-लाभकारी संस्थाएं हैं, जहां लाभांश बांटना या निजी मुनाफा लेना संभव नहीं है। नेशनल हेराल्ड का कांग्रेस से जुड़ा होना कोई गलत बात नहीं, यह पार्टी की विरासत का हिस्सा है।
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यंग इंडियन को सिर्फ एक वित्तीय माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया था ताकि एजेएल को कर्ज से मुक्त किया जा सके। हर कंपनी किसी न किसी तरीके से अपनी देनदारियां कम करने का काम करती है। हमने भी वही किया। उन्होंने कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जो न लाभांश दे सकती है, न वेतन, न बोनस, कुछ भी नहीं। सिंघवी ने कोर्ट से कहा किनेशनल हेराल्ड कांग्रेस से जुड़ी संस्था रही है। अगर यह किसी ऐसे समूह के हाथ में चला जाए जो कांग्रेस से जुड़ा न हो, तो यह वैसा ही होगा जैसे हैमलेट नाटक में डेनमार्क के राजकुमार का न होना।
सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि अदालत को इस मामले की सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है।
इससे पहले ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा कि गांधी परिवार यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर का मालिक है और उन्होंने अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद कंपनी पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया। ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और प्राइवेट कंपनी यंग इंडियन पर 2000 करोड़ की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण और मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है। इस मामले में ED की चाचार्टशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस मुद्दे पर ED और सोनिया- राहुल गांधी व अन्य का पक्ष कोर्ट सुन रहा है